रत्नागिरी,महाराष्ट्र का मराठी छोकड़ा सूरज मयेकर आजकल भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में यूँ रमा हुआ है कि पहली नज़र में कोई भी उससे मिलकर यह नहीं कह सकता कि वो मराठी है. क्यूंकि वो डायलौग बोलता है तो ठेठ भोजपुरी में, गाने गाता है तो भोजपुरी में. और उसके कैरियर की शुरुआत भी हुई तो भोजपुरी से ही.अब तो उसके अन्दर इस कदर भोजपुरी भाषा और कल्चर रच-बस गयी है कि वो खुद को भोजपुरिया ही मानने लगा है.
26 साल के सूरज मयेकर को अभिनय विरासत में मिली. उनके पिता नारायण मयेकर खुद एक कलाकार थे. बतौर जूनियर आर्टिस्ट उन्होंने 15 साल तक मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में काम किया. सूरज 12 साल की उम्र में उनके साथ सेट पर जाने लगा. फिर तो फिल्मों की शूटिंग देखते-देखते उसे फिल्मों से इस कदर लगाव हुआ कि उसने भी एक्टिंग फिल्ड में जाने का मन बना लिया. कुछ सालों तक सूरज ने भी जूनियर आर्टिस्ट के रूप में कई फिल्मों में काम किया लेकिन उसकी मंजिल ऊँचाई पर पहुँचने की थी. 21 साल की उम्र से सूरज ने लाइव परफोर्मेंस शुरू किया. मुंबई, महालक्ष्मी के सातरास्ता इलाके में जहाँ सूरज रहता था वहीँ कुछ लोगों के साथ उसने स्टेज शो करना शुरू किया. स्थानीय लोगों की वाहवाही भी सूरज को खूब मिली. उसी दरम्यान एक भले आदमी अशोक निराला की नज़र सूरज पर पड़ी और उन्होंने अपने पहली ही भोजपुरी एलबम में चांस दे दिया. साल 2011 में कुणाल म्यूजिक कंपनी के बैनर तले सूरज की पहली एलबम 'जवनिया शताब्दी मेल हो गईल' रिलीज हुई. और खासकर के यू.पी. में इस एल्बम को अच्छा रेसपौंस मिला.इस साल 2012 में सूरज का दूसरा एल्बम 'सावन में पहना के चूड़ी' आर्यन फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले रिलीज होने जा रही है. और इसी बैनर और इसी टाइटल के साथ अप्रैल में भोजपुरी फिल्म शुरू होने जा रही है जिसमे मुख्य भूमिका सूरज निभाएंगे. एक और प्रोजेक्ट लीड इंडिया टीवी के बैनर तले भोजपुरी फिल्म 'हमार मेहरारू 100 %' पर भी काम शुरू होने वाला है. जबकि 'अब होई मुकाबला' भोजपुरी फिल्म में ये पुलिस इन्स्पेक्टर की भूमिका में नज़र आयेंगे. यह फिल्म 20 अप्रैल से फ्लोर पर जा रही है जिसकी शूटिंग जौनपुर,पटना,गोरखपुर और मुंबई में होगी. इसके आलावा सूरज का एक और आनेवाला एल्बम है " हम लालू बनल चाहत बानी".
सिर्फ भोजपुरी में ही काम करने का इरादा है या मराठी-हिंदी में भी काम करेंगे ? यह पूछे जाने पर सूरज कहते हैं - " मैं भाषा का भेद- भाव नहीं जनता, मेरी नज़र में सभी बराबर हैं. भोजपुरी में काम करने की वजह ये है कि ये भाषा इतनी प्यारी है कि मुझे इससे लगाव हो गया. और एक के बाद एक मुझे भोजपुरी में ही काम मिलता चला गया. लेकिन अगर मराठी में भी अच्छे काम का ऑफ़र आया तो वो भी जरुर करूँगा. "
मशहूर अभिनेता सचिन पिल्गावकर को अपना आदर्श माननेवाले सूरज भोजपुरी इंडस्ट्री में निरहुआ को बेस्ट एक्टर मानते हैं. उनका सपना है कि कभी निरहुआ के साथ काम करने का मौका मिले चाहे वो छोटा ही रोल क्यूँ न हो.
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