Friday, 16 March 2012

बच्चों को पसंद आएगी "अक्कड़ बक्कड़ बम बे बो"




 बॉलीवुड में आमतौर पर जितनी भी बच्चों पर आधारित फिल्मे आई हैं उनमे यही
 दिखाया गया है कि छोटे बच्चे वो काम कर जाते हैं जो बड़े नहीं कर पाते. इसी कड़ी
  में एक और फिल्म का नाम जुड़ा है ‘अक्कड़ बक्कड़ बम बे बो’.
फिल्म की कहानी यूँ है – 11 अनाथ बच्चे बाल सुधर गृह से भागकर रात में एक स्कूल टीचर के घर में छुप जाते हैं. टीचर उन्हें पढ़ा-लिखाकर नेक इन्सान बनाना चाहती है लेकिन वो अपनी मस्ती में इस ओर ध्यान नहीं देते. कुछ ऐसी घटना घटती है जिससे बच्चों का मन बदलता है और वे टीचर की बात मानकर स्कूल जाना शुरू कर देते हैं. एक दफा उनकी टीचर सहित अन्य बच्चों को एक पाकिस्तानी आतंकवादी संघटन किडनैप करके बोर्डर पार अपने अड्डे पर ले जाता है. बदले में भारत सरकार के सामने जेल में बंद अपने एक साथी को छोड़ने कि शर्त रखते हैं. और जब उन 11 बहादुर बच्चों को यह पता चलता है तो वे अपनी जान की परवाह किये बिना अपनी टीचर और अपने स्कूल के बच्चों को छुड़ाने चल पड़ते हैं.
फिल्म की कथा-पटकथा और संवाद बाल फिल्म के लिहाज से ठीक-ठाक हैं. पटकथा के अनुसार फिल्म का निर्देशन अच्छा है लेकिन कुछ कमियां दिख जाती हैं. जैसे एक टिन एज लड़की का प्रेम प्रसंग और नन्हे बच्चों का बोर्डर पर जाकर बड़ी एवं खतरनाक बंदूकें उठाकर आतंकवादियों को मार गिराना कुछ हज़म नहीं हो पाता. पटकथा पर और थोड़ी मेहनत की गयी होती तो बच्चों की यह फिल्म बड़ों को भी रास आती. लेकिन वहीँ कुछ दृश्य मनोरंजक, ज्ञानवर्धक  और इमोशनल हैं . जैसे हिस्टरी के पेटू टीचर का किसी बहाने से बच्चों का टिफिन खा जाना, टीचर्स डे पर एक बच्चे की शरारत द्वारा टीचर और स्टूडेंट के रिश्ते को कलंकित करने की नाकाम कोशिश करना. ऐसे दृश्य फिल्म को बेहतर बनाते हैं.
अभिनय की बात करें तो एक पुलिस ऑफिसर के रूप में मुकेश खन्ना अपने चिर-परिचित अंदाज़ में नज़र आये हैं जिसके लिए वो जाने जाते हैं, मेजर बने डॉक्टर वेद थापर ने भी अपने किरदार में जान डाली है, वहीँ टीचर के रूप में पहली फिल्म कर रही स्वीन शर्मा भी जँची हैं.  लेकिन असली अभिनय 11 बच्चों ने किया है और सही मायने में ये छोटे बच्चे बड़े कलाकारों पर भारी पड़ते नज़र आये हैं. उनके लीडर बने विशु यानि युवराज कोचर की यह पहली फिल्म है और उन्होंने निरास नहीं किया है. मगर उन्हें लम्बी रेस का घोड़ा बनने के लिए अभी अपने अभिनय में और सुधर करने की जरुरत है.
फिल्म की एडिटिंग सामान्य है, सिनेमेटोग्राफी और संगीत ठीक-ठाक है. फिल्म में दो-तीन गाने बच्चों को जागरूक और शिक्षित करने के लिहाज से अच्छे हैं.
फिल्म का फर्स्ट हाफ सेकेण्ड हाफ से ज्यादा बेहतर है. ‘अक्कड़ बक्कड़ बम बे बो’ हांलांकि निर्माता द्वीप राज कोचर की पहली निर्देशित फिल्म है जो बच्चों को जरुर पसंद आएगी.
बैनर :  जे.एस.आर. प्रोडक्शन प्रा.लि.
निर्माता-निर्देशक-लेखक :  द्वीप राज कोचर
संगीत : हरीश मंगोली
छायांकन : रूपांग आचार्या
एक्शन : हनीफ शेख 
रेटिंग : 2/5




राकेश सिंह ‘सोनू’
rakeshsonoo@gmail.com

No comments:

Post a Comment