Friday, 23 March 2012

रहस्य-रोमांच से भरी है फिल्म 'एजेंट विनोद'

  बैनर : इलुमिनती फिल्म्स
निर्माता : सैफ अली खान, दिनेश विजन
निर्देशक : श्रीराम  राघवन
कहानी : श्रीराम  राघवन , अरिजीत  बिश्वास
कलाकार :  सैफ अली खान, करीना  कपूर ,प्रेम  चोपड़ा ,राम  कपूर ,अंशुमान  सिंह ,शाहबाज़  खान ,गुलशन  ग्रोवर ,मरयम  ज़कारिया , आदिल  हुसैन ,मल्लिका  हेडन ,धृतिमान  चटर्जी ,रवि  किशन
संगीत : प्रीतम  चक्रबोर्ती
छायांकन :  सी.के. मुरलीधरन
संपादन : पूजा सुरती
रेटिंग : 3/5  स्टार 

यह स्पाई थ्रिलर फिल्म हॉलीवुड की जेम्स बौंड सीरिज फिल्मों की नक़ल तो नहीं लेकिन इसकी मेकिंग किसी हॉलीवुड फिल्म सरीखी लगती है. फिल्म जिस अंदाज़ और रफ़्तार में शुरू होती है एकबारगी ऐसा नहीं लगता कि हम कोई बॉलीवुड फिल्म देख रहे हैं. पहले ज़रा ‘एजेंट विनोद’ की कहानी पर गौर फरमाएं – एजेंट विनोद (सैफ अली खान) भारत का एक रों एजेंट है.एक भारतीय एजेंट मरने के पहले 242 नंबर के कोड की जानकारी देता है जिसकी सच्चाई और हकीकत का पता लगाने की जिम्मेदारी एजेंट विनोद को सौंपी जाती है. एजेंट विनोद जब उस कोड का राज ढूंढने एक देश से दूसरे देश निकलता है तो उसकी उलझन और चुनौतियाँ बढ़ती चली जाती हैं. इसी रस्ते पर उसकी मुलाक़ात डॉक्टर इरम (करीना कपूर) से होती है जिसे ग़लतफ़हमीवश आतंकवादी समझता है लेकिन बाद में उसका शक दूर होता है और इरम उसके लक्ष्य में मददगार साबित होती है. उस रहस्मय कोड को तलाशने के दौरान विनोद को एहसास होता है कि अगर इस राज का पर्दाफाश नहीं हुआ तो देश-दुनिया में लाखों लोग बेवजह मारे जायेंगे. और मासूम लोगों की जान बचाने के दरम्यान विनोद अपनी जान कई बार जोखिम में डालता है. आखिर क्या है कोड 242 का राज….? कौन है इस कांड के पीछे और क्या वाकई लाखों लोगों की जान बचा पाने में कामयाब हो पाता है एजेंट विनोद ? इन्हीं सब सवालों के इर्द-गिर्द घूमती है फिल्म ‘एजेंट विनोद’ की रोमांचक कहानी.
फिल्म की कहानी में नयापन है, पटकथा सशक्त और असरदार है और फिल्म के डायलौग रोचक एवं मजेदार हैं. अपनी पिछली फिल्म ‘जॉनी गद्दार’ के बाद निर्देशक श्रीराम राघवन ने ‘एजेंट विनोद’ के सफल निर्देशन से खुद को प्रूफ कर दिखाया है. साथ ही राघवन ने यह भी जताया है कि बॉलीवुड में स्पाई बेस्ड फिल्मों का मतलब हॉलीवुड फिल्मों का नक़ल नहीं होता. बल्कि यहाँ भी मौलिक कहानियों और बेहतर ट्रीटमेंट की कमी नहीं है. राघवन ने हर एक आर्टिस्ट से परफेक्ट काम लिया है. एक्टिंग की बात करें तो पूरी फिल्म में एजेंट विनोद का जादू दर्शकों के सर चढ़कर बोलता है यानी एजेंट विनोद के रूप में सैफ पूरी फिल्म में छाये रहते हैं. एक स्मार्ट व तेजतर्रार रों एजेंट जो थोडा दिलफेंक होने के साथ-साथ मुश्किल घड़ियों में हास्य -परिहास करने से भी बाज़ नहीं आता के किरदार में सैफ क्या खूब जमे हैं. फिल्म में उनपर एक्शन सीन भी जंचते हैं और उनके खाते में कुछ बेहतरीन डायलौग भी आये हैं. करीना ने अपने किरदार को सलीके से निभाया है मगर उनके किरदार को फिल्म में उतनी गहराई के साथ नहीं पेश किया गया है. निजी ज़िन्दगी में सैफिना यानी सैफ और करीना की केमेस्ट्री से सारी दुनिया परिचित है वैसी कुछ खास केमेस्ट्री इनदोनो की फिल्म में नज़र नहीं आई. और सैफ के कारनामों के आगे तो करीना पर ज्यादा देर तक नज़र टिक नहीं पाती. वहीँ सह भूमिकाओं में प्रेम चोपड़ा, शाहबाज खान, रवि किशन, राम कपूर और  गुलशन ग्रोवर ने भी अच्छा परफौरमेंस दिया है. खासकर राम कपूर अपने गेटअप और नए अंदाज़ से चौंकाने में कामयाब हुए हैं. लेकिन वहीँ बहुत ही छोटे से रोल में रजत कपूर जैसे मंझे हुए एक्टर को वेस्ट करने का मतलब समझ में नहीं आया.
फिल्म का एक्शन बेहद रोमांचित करनेवाला है तो सिनेमेटोग्राफी इतनी अवाल दर्जे की है कि हर एक दृश्य सजीव लगता है. पूरी दुनिया के चक्कर लगाने के दौरान कैमरा का अच्छा कमाल दिखाया गया है. फिल्म का संपादन भी परफेक्ट है, खासकर  फिल्म के फर्स्ट हाफ में अच्छा काम हुआ है लेकिन सेकेण्ड हाफ में फिल्म कुछ ज्यादा खींचती महसूस होती है. फिल्म में करीना पर फिल्माया गया मुजरा सोंग सेकेण्ड हाफ में काफी देर बाद नज़र आता है. और जिस गाने को लेकर दर्शकों में सबसे ज्यादा उत्सुकता रहती है वो गाना ‘प्यार की पूंगी…’ फिल्म ख़त्म होने के बाद दिखता है और यक़ीनन दर्शकों के मिजाज की पूंगी बजा जाता है. वैसे ये दोनों गाने फिल्म रिलीज होने के पहले से ही आम दर्शकों के बीच हिट हो चुके हैं.  अरसे बाद अगर कोई रहस्य-रोमांच से भरी जासूसी फिल्म देखनी है तो ‘एजेंट विनोद’ कतई निराश नहीं करेगी.


- राकेश सिंह ‘सोनू’

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