हॉलीवुड फिल्म ‘नोटबुक’ से बहुत हद तक मिलती है फिल्म ‘ज़िन्दगी तेरे नाम’ लेकिन दोनों ही फिल्मों में स्क्रिप्ट और ट्रीटमेंट के मामले में जमीं-आसमान का अंतर है. यह कहानी है सिद्धार्थ और अंजली की. सिद्धार्थ अपनी पत्नी अंजली से बहुत दिलो जान से प्यार करता है जो एक ऐसी बीमारी से ग्रसित है जिसमे वो धीरे-धीरे अपनी याददाश्त भूलती जाती है. अंजली ने अपनी बीमारी को ध्यान में रखते हुए बहुत पहले एक डायरी में अपनी और सिद्धार्थ की प्रेमकहानी हू-ब-हू कहानी की शक्ल में दर्ज की थी. और वह डायरी सिद्धार्थ को थमाते हुए यह कहा था कि अगर कभी वो पूरी तरह से अपनी याददाश्त भूल जाये तो वे उसे यह प्रेम कहानी सुनाये, शायद इससे उसकी याददाश्त वापस आ जाये. और अंजलि जब सबकुछ भूल जाती है तो सिद्धार्थ उसकी लिखी खुद की ही प्रेम कहानी सुनाता है. वह कहानी सुनकर क्या अंजलि अपने सिद्धार्थ को पहचान पाती है…….यही कशमकश फिल्म के अंत तक बनी रहती है.
कहानी जैसा की पहले ही बता चुके हैं हॉलीवुड की फिल्म ‘नोटबुक’ से प्रेरित है और पटकथा बहुत ही कमजोर है जिसकी वजह से पूरी फिल्म सुस्त नज़र आती है. डायलौग भी स्तरीय नहीं हैं जो लव-स्टोरी फिल्म को असरदार बनाते हैं. जहाँ तक डायरेक्शन की बात है तो उसमे भी निर्देशक ने निरास किया है. एक कमजोर पटकथा पर कमजोर निर्देशन फिल्म को उबाऊ बना देता है जिससे अंत तक दर्शक उबर नहीं पाता. हाँ मिथुन और रंजीता के बीच के रिश्ते का सस्पेंश अंत तक बनाये रखने में जरुर निर्देशक कामयाब रहे हैं.
अभिनय की बात करें तो मिथुन और रंजीता की पुरानी यादगार जोड़ी ने अपनी छोटी सी पर असरदार भूमिका में बखूबी जान डालने की कोशिश की है. वहीँ युवा सिद्धार्थ के किरदार में असीम अली खान और अंजली के किरदार में प्रियंका मेहता ने ठीक-ठाक काम किया है. दिलीप ताहिल, शरत सक्सेना और सुप्रिया कार्णिक ने भी अपने अभिनय से निरास नहीं किया है. फिल्म का प्लस पॉइंट है उसकी खूबसूरत सिनेमेटोग्राफी. फिल्म की एडिटिंग में खामियां हैं. फिल्म का संगीत भी असरदार नहीं है. मगर दो गाने ‘तू मुझे सोच कभी…..’और ‘क्या खता हो गयी….’ सुनने में अच्छा लगता है. अगर आप रोमांटिक फिल्मों के शौक़ीन हैं तो यह फिल्म आपको निरास कर सकती है.
बैनर : श्री साईं पिक्चर्स
निर्माता : पवन गोयल
निर्देशक : आशू त्रिखा
कलाकार : मिथुन चक्रबोर्ति, रंजीता,असीम अली खान,प्रियंका मेहता, आशीष शर्मा, अमित मिस्त्री, दलीप ताहिल, सुप्रिया कार्णिक एवं शरत सक्सेना
कथा-पटकथा-संवाद – संजय मासूम
संगीत : साजिद-वाजिद
गीत : जलीस शेरवानी, फैज़ अनवर
छायांकन : सुहास गुजराथी
राकेश सिंह ‘सोनू’
rakeshsonoo@gmail.com
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