Tuesday, 28 February 2012

गुफ्तगू (Interview)



‘एक्सप्रेस हाईवे’ में इंटरटेनमेंट के साथ मैसेज भी है : स्वाति वर्मा 




25 फरवरी,2012 , अँधेरी (मुंबई) ओशिवरा के ऐश्वर्या हॉल में ए.जी.इंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्माता वाई.एन.राजन और निर्देशक डोन गौतम की 16 मार्च को रिलीज हो रही फिल्म ‘एक्सप्रेस हाईवे’ का फर्स्ट ट्रेलर लौंच हुआ. जहाँ मौजूद थी फिल्म की लीड एक्ट्रेस स्वाति वर्मा और फिल्म ‘एक्सप्रेस हाईवे’ के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर. ट्रेलर लौंच के बाद साउथ की स्टार अभिनेत्री स्वाति वर्मा ने ’बॉलीवुड मौसम' को अपनी इस फिल्म के बारे में विस्तार से बताया, जिसके  खास अंश यहाँ प्रस्तुत हैं.
स्वाति जी क्या ‘एक्सप्रेस हाईवे’ साउथ की डब फिल्म है ?
जी नहीं, ये साउथ की डब फिल्म नहीं है बल्कि इसके निर्माता-निर्देशक साउथ से हैं.  उनके साथ मैंने साउथ की काफी फिल्मे की हैं. एक बार हमने डिस्कस किया था कि हिंदी में ऐसी फिल्म बनायेंगे जिसमे मैसेज भी हो. डायरेक्टर के दिमाग में था कि ऐसे कांसेप्ट पर काम करें जो हिंदी फिल्म में नयापन लेकर आये जिसमे इंटरटेनमेंट के साथ मैसेज भी हो.
किस तरह का मैसेज है इस फिल्म में ?
जैसा की फिल्म का नाम है ‘एक्सप्रेस हाईवे’….इसमें हाईवे पर ड्रिंक एंड ड्राइव की वजह से जो एक्सीडेंट होते हैं, उसमे जो लोग मरते हैं और जो बच जाते हैं उन्हें फिल्म में रियलिस्टिक तरीके से दिखाया गया है ताकी फिल्म देखकर कोई भी ऐसी गलती न करे.  ऐसा कभी हमारे साथ होगा हम सोच भी नहीं सकते और वो मस्ती में ड्रिंक एंड ड्राइव की वजह से घट जाता है. आज बहुत से परिवार ऐसी दुर्घटना का दर्द झेल रहे हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि हरेक इन्सान इस फिल्म को देखे और अपने अन्दर एक अच्छे इन्सान को पैदा कर सके.
इस फिल्म कि कहानी और अपने किरदार के बारे में बताएं ?
मेरा किरदार एक कॉमन लड़की का है जो अपनी फैमिली के साथ पिकनिक पर जाती है जहाँ  उसकी उसकी छोटी बच्ची और हसबैंड की डेथ हो जाती है. और जिसकी गलती की वजह से यह सब होता है वो रईस बाप की बिगड़ी औलाद हैं जो महज 2000 रूपए की फाईन पर छोड़ दिए जाते हैं. तब उस लड़की को एहसास होता है कि कानून कुछ नहीं कर सकता. इसलिए वो उन्हें सजा के साथ यह मैसेज भी देना चाहती है कि जो दर्द उसने सहा वो कैसा होता है. उन्हें ऐसे ही दर्द का एह्साह दिलाते हुए वो उनकी जान ले लेती है. इस तरह एक कॉमन लड़की एक किलर बन जाती है. मतलब कि वह कोई पेशेवर खूनी नहीं है, उन लड़कों और इस देश के कानून की वजह से उसे किलर बनना पड़ता है. यह फिल्म देखकर अगर हर इन्सान अपने आप में यह ठान ले कि ऐसी गलती वह कभी नहीं करेगा तो यह फिल्म एक अच्छा मैसेज हो सकती है.
फिल्म में आपके अपोजिट हीरो कौन है  ?
इसमें कोई हीरो नहीं है. आप इस फिल्म को हिरोइन बेस्ड स्टोरी कह सकते हैं. इसमें जो चार लड़के हैं वो विलेन का कैरेक्टर निभाते हैं.
आपकी आनेवाली और कौन-कौन सी फिल्मे हैं ?
‘एक्सप्रेस हाईवे’ मेरी पहली हिंदी फिल्म है. इससे पहले मैं साउथ की 8 -10 फिल्मे कर चुकी हूँ. डोन सर की एक तमिल फिल्म आनेवाली है. डोन सर के साथ ही डिफरेंट सब्जेक्ट पर मैं एक और हिंदी फिल्म करने जा रही हूँ.
आपने भोजपुरी फिल्मो में भी काम किया है ?
हाँ, बीच में मैं मैंने कुछ भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया. अभी कुछ अरसा पहले रवि किशन स्टारर फिल्म ‘केहू हमसे जीत ना पाई’ अच्छी चली थी. लेकिन अभी भी मेरा पूरा फोकस साउथ की फिल्मों पर ही है. हिंदी में मेरी यह  शुरुआत है. अगर यहाँ सफलता मिली तो फिर हिंदी फिल्मों को भी मैं उतनी ही गंभीरता से लूँगी जितना साउथ की फिल्मों को लेती हूँ.
- राकेश सिंह ‘सोनू’

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